अपनी टेक टीम को डबल करने का प्लान बना रहा ये सरकारी बैंक, 1500 लोगों को मिलेगी नौकरी
अपनी टेक टीम को डबल करने का प्लान बना रहा ये सरकारी बैंक, 1500 लोगों को मिलेगी नौकरी
पिछले कुछ समय में RBI ने आईटी सिस्टम में खामियों के चलते कई बैंकों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। इनमें HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। दरअसल पर्याप्त टैलेंट न होने से बैंक आईटी सिस्टम में नई चुनौतियों का सही तरीके से सामना नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे आईटी प्रोफेशनल्स को हायर करने के लिए बजट बढ़ा रहे हैं।

सरकार के मालिकाना हक वाले बैंक ऑफ बड़ौदा वित्त वर्ष 2025-26 के आखिर तक अपनी इन-हाउस टेक्नोलॉजी टीम के कर्मचारियों की संख्या दोगुनी करने की योजना बना रहा है। अभी बैंक ऑफ बड़ौदा की टेक टीम में 1500 कर्मचारी हैं, जिन्हें बढ़ाकर 3000 करने की योजना है।
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ देबदत्त चंद का कहना है कि नए कर्मचारियों को रेगुलर हायरिंग प्रोसेस से नौकरी दी जाएगी। साथ ही, कुछ खास टैलेंट को लेटरल हायरिंग के माध्यम से भी बैंक के साथ जोड़ा जाएगा।
आरबीआई के एक्शन बाद बढ़ी चिंता
मार्च तिमाही की आय की घोषणा के बाद चंद ने कहा, "अगले दो वर्षों में हम अपनी आईटी टीम में लोगों की संख्या को दोगुना करेंगे।" हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आईटी सिस्टम में खामियों के चलते कई बैंकों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया था। आईटी सिस्टम में पर्याप्त टैलेंट न होने से बैंक नई चुनौतियों का सही तरीके से सामना नहीं कर पा रहे हैं।

चंद ने कहा कि 1,500 इन-हाउस कर्मचारियों के अलावा बैंक ने आईटी फंक्शन में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर भी कर्मचारी रखे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक आईटी सिस्टम के मोर्चे पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए टैलेंट को काम पर रखना चाहता है। उन्होंने बताया कि लेटरल हायरिंग बैंक की जरूरत और उम्मीदवार के अनुभव के आधार पर की जाएगी।
टेक और आईटी पर खर्च बढ़ा रहा बैंक
चंद ने यह भी कहा कि एक जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित प्लेटफॉर्म जल्द ही ग्राहकों के लिए लाइव होगा, जिसमें कई तरह की सेवाओं का लाभ इंटरैक्टिव तरीके से उठाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बैंक टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर आक्रामक रूप से खर्च कर रहा है, जिसमें अकेले बुनियादी ढांचे पर लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। आगे चलकर इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान दिए जाने पर खर्च बढ़ाएगा।
वित्त वर्ष 24 में बैंक ऑफ बड़ौदा के पास टेक्नोलॉजी खर्च के लिए 743 करोड़ रुपये और आईटी खर्च के लिए 453 करोड़ रुपये का बजट था। बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 60 नई शाखाएं खोलने का लक्ष्य रखा है। चंद ने कहा कि वित्त वर्ष 25 में बैंक 12-14 प्रतिशत की लोन ग्रोथ हासिल करेगा। वहीं, डिपॉजिट ग्रोथ 10-12 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ देबदत्त चंद का कहना है कि नए कर्मचारियों को रेगुलर हायरिंग प्रोसेस से नौकरी दी जाएगी। साथ ही, कुछ खास टैलेंट को लेटरल हायरिंग के माध्यम से भी बैंक के साथ जोड़ा जाएगा।
आरबीआई के एक्शन बाद बढ़ी चिंता
मार्च तिमाही की आय की घोषणा के बाद चंद ने कहा, "अगले दो वर्षों में हम अपनी आईटी टीम में लोगों की संख्या को दोगुना करेंगे।" हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आईटी सिस्टम में खामियों के चलते कई बैंकों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया था। आईटी सिस्टम में पर्याप्त टैलेंट न होने से बैंक नई चुनौतियों का सही तरीके से सामना नहीं कर पा रहे हैं।

चंद ने कहा कि 1,500 इन-हाउस कर्मचारियों के अलावा बैंक ने आईटी फंक्शन में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर भी कर्मचारी रखे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक आईटी सिस्टम के मोर्चे पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए टैलेंट को काम पर रखना चाहता है। उन्होंने बताया कि लेटरल हायरिंग बैंक की जरूरत और उम्मीदवार के अनुभव के आधार पर की जाएगी।
टेक और आईटी पर खर्च बढ़ा रहा बैंक
चंद ने यह भी कहा कि एक जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित प्लेटफॉर्म जल्द ही ग्राहकों के लिए लाइव होगा, जिसमें कई तरह की सेवाओं का लाभ इंटरैक्टिव तरीके से उठाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बैंक टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर आक्रामक रूप से खर्च कर रहा है, जिसमें अकेले बुनियादी ढांचे पर लगभग 2,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। आगे चलकर इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान दिए जाने पर खर्च बढ़ाएगा।
वित्त वर्ष 24 में बैंक ऑफ बड़ौदा के पास टेक्नोलॉजी खर्च के लिए 743 करोड़ रुपये और आईटी खर्च के लिए 453 करोड़ रुपये का बजट था। बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 60 नई शाखाएं खोलने का लक्ष्य रखा है। चंद ने कहा कि वित्त वर्ष 25 में बैंक 12-14 प्रतिशत की लोन ग्रोथ हासिल करेगा। वहीं, डिपॉजिट ग्रोथ 10-12 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।
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