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भाजपा शासित राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के विरोधी क्यों हैं

आसमान छूते पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को एकबार फिर भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं ला रही है?  जैसे ही वह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएगी उसके दाम अपने आप कम हो जाएंगे।


केंद्र की भाजपा सरकार और नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा कि पिछले चार सालों से केंद्र में भाजपा की सरकार है और देश के अधिकांश राज्यों में  भी भाजपा की ही सरकार है फिर केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर आरोप क्यों लगा रही है। उन्होंने कहा कि अब तो केंद्र सरकार सीधे तौर पर राज्यों में पेट्रोल और डीजल को  जीएसटी के दायरे में ला सकती है क्योंकि अधिकांश सरकारें उसी की है फिर देर किस बात की है।

चिदंबरम ने आगे कहा कि यह समझ से परे है कि मई-जून 2014 में  पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की जो कीमतें थी उससे आज की कीमतें अधिक क्यों बनी हुई हैं। जबकि अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इनकी बढ़ती कीमतों का कोई बड़ा कारण भी नजर नहीं आ रहा है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाया जा रहा है जिसकी नाराजगी लोगों में व्यापक रूप से देखने को मिल रही है।

भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत कुछ और नही असहाय जनता को लूटने की कोशिश है। यही नहीं उन्होंने कहा कि यदि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो इसके दाम अपने आप कम हो फिर क्यों बीजेपी सरकार ऐसा नहीं कर रही है, आखिर क्यों?

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