Politics Today : सत्ताधारियों की 'रखैल' हैं चुनाव आयोग, लोकतंत्र एवं चुनाव : शिवसेना
उपचुनावों में ईवीएम एवं वीवीपैट मशीनों के खराब होने की शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग (ईसी) इन दिनों विपक्षी दलों के निशाने पर है। इन्हीं हमलों की कड़ी में शिवसेना ने बुधवार को ‘निर्वाचन आयोग, लोकतंत्र और चुनाव’ को सत्ता में बैठे लोगों की ‘रखैल’ करार दिया।
सहयोगी भाजपा की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि ‘निरंकुश’ मानसिकता से ग्रस्त सत्ताधारी दल अपने निजी स्वार्थ के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को खराब किया है।
मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ‘अब हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता है। इवीएम ने लोकतंत्र को विकृत कर दिया है। मौजूदा वक्त में सत्ताधारियों ने अपनी निरंकुश मानसिकता के कारण लोकतंत्र को अपनी रखैल बना डाला है।’
शिवसेना ने आरोप लगाया कि चुनाव और निर्वाचन आयोग सत्ताधारियों की रखैल बन गए हैं। साथ ही चेताया है कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का घटता विश्वास लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उसने कहा कि मौजूदा निर्वाचन आयोग और उसकी मशीनरी सरकार के गुलामों की तरह हो गए हैं। क्योंकि वे चुनाव में शराब और धन के वितरण संबंधी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
रविवार यानी 27 मई को बीजेपी ने शिवसेना पर 28 मई को हुए पालघर लोकसभा उपचुनाव से पहले मतदाताओं के बीच पैसा बांटने के लिए अपराधियों की मदद लेने का आरोप लगाया था।
साथ ही मामले की चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही थी। जिसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी के इस आरोप पर पलटवार करते हुए कहा था, 'शिवसेना द्वारा पैसा बांटे जाने की बात करने से बीजेपी को फायदा नहीं होने वाला है। शिवसेना आम लोगों की पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत हैं। ये लोग ही हैं जो हमारे चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को खाने के लिए भोजन और पीने के लिए पानी देते हैं । उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं से पैसा एवं शराब बंटवा कर उन्हें गलत काम करना सिखा रही है।
सहयोगी भाजपा की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि ‘निरंकुश’ मानसिकता से ग्रस्त सत्ताधारी दल अपने निजी स्वार्थ के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को खराब किया है।
मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ‘अब हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता है। इवीएम ने लोकतंत्र को विकृत कर दिया है। मौजूदा वक्त में सत्ताधारियों ने अपनी निरंकुश मानसिकता के कारण लोकतंत्र को अपनी रखैल बना डाला है।’
शिवसेना ने आरोप लगाया कि चुनाव और निर्वाचन आयोग सत्ताधारियों की रखैल बन गए हैं। साथ ही चेताया है कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का घटता विश्वास लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उसने कहा कि मौजूदा निर्वाचन आयोग और उसकी मशीनरी सरकार के गुलामों की तरह हो गए हैं। क्योंकि वे चुनाव में शराब और धन के वितरण संबंधी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
रविवार यानी 27 मई को बीजेपी ने शिवसेना पर 28 मई को हुए पालघर लोकसभा उपचुनाव से पहले मतदाताओं के बीच पैसा बांटने के लिए अपराधियों की मदद लेने का आरोप लगाया था।
साथ ही मामले की चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही थी। जिसके बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी के इस आरोप पर पलटवार करते हुए कहा था, 'शिवसेना द्वारा पैसा बांटे जाने की बात करने से बीजेपी को फायदा नहीं होने वाला है। शिवसेना आम लोगों की पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत हैं। ये लोग ही हैं जो हमारे चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को खाने के लिए भोजन और पीने के लिए पानी देते हैं । उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं से पैसा एवं शराब बंटवा कर उन्हें गलत काम करना सिखा रही है।

Post a Comment