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मोदी #Cabinet पर पहला करप्शन का पहला ‘दाग’

नई दिल्ली,ब्यूरो। केंद्र की मोदी सरकार पर 3 साल के बाद पहला बड़ा दाग लगा है। दरअसल, बीते दिनों 5 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था उनमें से एक मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसी के रडार पर थे। खास बात यह है कि यह दाग कहीं और नहीं सुशासन की नर्सरी मध्यप्रदेश से लगा है। एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। वहीं, मध्य प्रदेश की स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक महाकौशल में आदिवासी नेता के रूप में तीन दशक से अपनी पहचान बनाने वाले मंडला के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। एक राष्ट्रीय टीवी चैनल के आॅपरेशन चक्रव्यूह में रुपयों के लेन देन को लेकर फंस चुके फग्गन सिंह कुलस्ते बमुश्किल भाजपा की मुख्यधारा में आ पाए थे लेकिन वे एक बार फिर अपनी कार्यशैली से विवादों में फंस गए। गौरतलब है कि कुलस्ते को डेढ़ साल पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन की सिफारिश पर मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन परफॉर्मेंस के नाम पर वे कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज नहीं करा पाए।
यहां तक कि अपने गृहराज्य मध्यप्रदेश में भी वे केंद्र की किसी अहम योजना को मूर्त रूप नहीं दिला पाए। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि कुलस्ते के विभाग में पदस्थ उड़ीसा के एक स्टाफ आॅफिसर ने उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठाते हुए एक चिट्टी पीएमओ को लिखी थी। तत्पश्चात आईबी को निगरानी के लिए तैनात कर दिया गया था।


NGO को मदद दिलाने रहे सक्रिय
सूत्रों के मुताबिक मंत्री कुलस्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान पाने के बाद लगातार इस कोशिश में जुटे रहे कि अपने नजदीकियों और विश्वास पात्र लोगों के एनजीओ को अलग-अलग मद में आर्थिक लाभ पहुंचा सकें। इसके लिए उनके विभाग में लगातार बैठकें चलती रहीं इसके कारण स्वास्थ्य मंत्रालय का कामकाज लगातार प्रभावित होता रहा।


IB की निगरानी में थे कुलस्ते के परिजन
सूत्रों के मुताबिक आईबी द्वारा दिए गए फीडबैक के आधार पर मंत्रिमडंल से कुलस्ते की विदाई तय हुई है। पिछले दिनों केंद्रीय राज्य मंत्री की बेटी का विवाह भी संपन्न हुआ था जिसमें कई दिग्गज लोगों ने शिरकत की थी आईबी के अफसर केंद्रीय मंत्री और उनके परिजनों पर निगाह बनाए हुए थे। इसके अलावा आईबी द्वारा परिजनों केमोबाइल को सर्विलांस पर रख कर निगरानी की जा रही थी।


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