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पाकिस्तान के दोस्त को किस बात का सता रहा डर? सभी मुस्लिम देशों से की साथ आने की अपील; इजरायल के प्लान पर मचा बवाल

 पाकिस्तान के दोस्त को किस बात का सता रहा डर? सभी मुस्लिम देशों से की साथ आने की अपील; इजरायल के प्लान पर मचा बवाल


इजरायल के गाजा पर नियंत्रण की योजना के विरोध में तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने मुस्लिम देशों से एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया है। मिस्र और तुर्की ने भी इजरायल की इस योजना की निंदा की है इसे नरसंहार और विस्तारवादी नीति का नया चरण बताया है। फिदान ने मिस्र के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद इस्लामिक संगठन की आपात बैठक बुलाने की बात कही है।

पाकिस्तान के दोस्त को किस बात का सता रहा डर। (फोटो- रॉयटर्स)

 इजरायल ने दावा किया है कि वह आने वाले कुछ समय में गाजा पर पूरा नियंत्रण लेने की तैयारी में है। इसके विरोध में दुनिया के कई मुस्लिम देश आ गए हैं। इस बीच तुर्किए के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।


दरअसल, उन्होंने एक बयान के दौरान कहा कि मुस्लिम देशों को गाजा शहर पर नियंत्रण रखने के लिए इजरायल की योजना के खिलाफ एकजुट और रैली अंतर्राष्ट्रीय विरोध में काम करना चाहिए।


मिस्र और तुर्की ने किया विरोध

इस बीच क्षेत्रीय शक्तियां मिस्र और तुर्किए दोनों ने शुक्रवार को इजरायल के योजना की निंदा की। इस दौरान दोनों की ओर से कहा गया कि इसने (इजरायल) योजना के कार्यान्वयन को रोकने के लिए वैश्विक उपायों का आह्वान करते हुए इजरायल की नरसंहार और विस्तारवादी नीतियों को एक नए चरण में चिह्नित किया।


बता दें कि तुर्किए के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल- सीसी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने अपने मिस्री समकक्ष के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गाजा की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि इस्लामिक संगठन को एक आपात बैठक के लिए बुलाया गया है। हालांकि, ये भी जानना चाहिए कि ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये बैठक कहां होगी।


इजरयाल ने बनाया फिर एक खतरनाक प्लान

बताया जा रहा है कि इजरायल में हाल के दिनों में गाजा पर कब्जा के लिए एक खतरनाक प्लान बनाया है। इजरायल के पीएमओ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि गैर-लड़ाकू क्षेत्रों में नागरिकों को मानवीय सहायता दी जाएगी।


हालांकि, इससे इतर इजरायल के सेना प्रमुख ईयाल जमीर ने इस कब्जे का विरोध किया है। उन्होंने दावा किया कि अगर ऐसा किया जाता है तो इससे मानवीय संकट और गहरा जाएगा और बंधकों की जान को कतरा बढ़ेगा।

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