IPL 2018 SRH vs CSK : हैदराबाद और चेन्नै के बीच फाइनल जंग, तीसरे खिताब पर CSK की नजरें
मुंबई । आईपीएल के 11वें सीजन में आज (रविवार) ट्रोफी के लिए जंग होगी। सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नै सुपर किंग्स के बीच इस सीजन का फाइनल मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाना है जिसके लिए दोनों टीमें तैयार हैं। एक की बोलिंग में दम है तो दूसरे के पास अनुभव का दंभ है।
केन विलियमसन की कप्तानी वाली टीम ने कम स्कोर को डिफेंड करके बार-बार सबको चौंकाया है तो वहीं धोनी की टीम ने पहले को पिछली तीन भिड़ंत में पटकनी दी है। मगर यह फाइट कुछ अलग है। इसमें पिछली तमाम उपलब्धियों के मायने नहीं रह जाते। सब कुछ नए सिरे से डिफाइन करना पड़ता है। तमाम ऊर्जा झोंकनी पड़ती है क्योंकि यह ट्रोफी के लिए आखिरी जंग है। यह बिग फाइट है।
ऑरेंज आर्मी का दम
हैदराबाद टीम ने प्लेऑफ में जगह तभी बना ली थी जब उसने 10 मई को फिरोजशाह कोटला में शिखर धवन के नॉटआउट 92 रन की बदौलत दिल्ली को 9 विकेट से करारी मात दी थी। हालांकि इस मैच के बाद ऑरेंज आर्मी के प्रदर्शन में गिरावट आई। वह अगले तीन लीग मैचों में चेन्नै, बैंगलोर और कोलकाता से पराजित हो गई। क्वॉलिफायर-1 में धोनी की येलो ब्रिगेड ने उसे दो विकेट से हराकर फाइनल का टिकट कटा लिया।
येलो ब्रिगेड का अनुभव
ऑरेंज आर्मी जहां टारगेट का बचाव करने में माहिर है वहीं येलो ब्रिगेड को टारगेट का पीछा कर जीत दर्ज करने में महारत हासिल है। चेन्नै टीम ने इस आईपीएल में सात मैच टारगेट का पीछा करते हुए जीते हैं। दो मैच तो उसने क्रमश: 203 और 206 के टारगेट का पीछा करते हुए जीते। चेन्नै के पास चार ऐसे दमदार बैट्समैन हैं जो इस आईपीएल में 400 प्लस रन बना चुके हैं। अंबाती रायुडू ने 586, महेंद्र सिंह धोनी ने 455, शेन वॉटसन ने 438 और सुरेश रैना ने 413 रन बनाए हैं।
हैदराबाद के खिलाफ क्वॉलिफायर-1 मैच में रायुडू और वॉटसन खाता भी नहीं खोल सके थे जबकि धोनी ने 9 तो रैना ने 22 रन बनाए थे। मुश्किल स्थिति में फंसी चेन्नै टीम को जीत दिलाई थी ओपनर फाफ डु प्लेसिस ने जिन्होंने 42 बॉल में नॉटआउट 67 रन बना डाले थे। येलो ब्रिगेड की ताकत उसका अनुभव भी है। चाहे धोनी की कप्तानी हो या फिर रायुडू का फार्म या फिर ड्वेन ब्रावो की ऑलराउंड क्षमता, उसको किसी भी मुश्किल से निकालने में सक्षम है।
बदलेगा इतिहास ?
आईपीएल-2017 के फाइनल से पहले मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट की टक्कर कुल तीन बार हुई थी। दो बार ग्रुप स्टेज में और एक बार प्लेऑफ में। तीनों दफा मुंबई पर जीत दर्ज की थी पुणे ने, लेकिन जब खिताबी मुकाबले में इनका आमना-सामना हुआ तो पुणे की टीम उन्नीस साबित हुई और मुंबई की टीम तीसरी बार आईपीएल चैंपियन बन गई।
सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नै सुपर किंग्स के बीच खिताबी भिड़ंत से पहले इन दोनों टीमों की भिड़ंत तीन दफा हो चुकी है और तीनों ही बार ऑरेंज आर्मी को येलो ब्रिगेड से शिकस्त मिली है। हैदराबाद के फैंस उम्मीद कर रहे होंगे जिस तरह 2017 में मुंबई ने पुणे के खिलाफ लगातार हार के सिलसिले को फाइनल में तोड़ा था। उसी तरह उनकी टीम भी चेन्नै के दबदबे को ध्वस्त कर अपना दूसरा आईपीएल खिताब जीतेगी।
केन विलियमसन की कप्तानी वाली टीम ने कम स्कोर को डिफेंड करके बार-बार सबको चौंकाया है तो वहीं धोनी की टीम ने पहले को पिछली तीन भिड़ंत में पटकनी दी है। मगर यह फाइट कुछ अलग है। इसमें पिछली तमाम उपलब्धियों के मायने नहीं रह जाते। सब कुछ नए सिरे से डिफाइन करना पड़ता है। तमाम ऊर्जा झोंकनी पड़ती है क्योंकि यह ट्रोफी के लिए आखिरी जंग है। यह बिग फाइट है।
ऑरेंज आर्मी का दम
हैदराबाद टीम ने प्लेऑफ में जगह तभी बना ली थी जब उसने 10 मई को फिरोजशाह कोटला में शिखर धवन के नॉटआउट 92 रन की बदौलत दिल्ली को 9 विकेट से करारी मात दी थी। हालांकि इस मैच के बाद ऑरेंज आर्मी के प्रदर्शन में गिरावट आई। वह अगले तीन लीग मैचों में चेन्नै, बैंगलोर और कोलकाता से पराजित हो गई। क्वॉलिफायर-1 में धोनी की येलो ब्रिगेड ने उसे दो विकेट से हराकर फाइनल का टिकट कटा लिया।
येलो ब्रिगेड का अनुभव
ऑरेंज आर्मी जहां टारगेट का बचाव करने में माहिर है वहीं येलो ब्रिगेड को टारगेट का पीछा कर जीत दर्ज करने में महारत हासिल है। चेन्नै टीम ने इस आईपीएल में सात मैच टारगेट का पीछा करते हुए जीते हैं। दो मैच तो उसने क्रमश: 203 और 206 के टारगेट का पीछा करते हुए जीते। चेन्नै के पास चार ऐसे दमदार बैट्समैन हैं जो इस आईपीएल में 400 प्लस रन बना चुके हैं। अंबाती रायुडू ने 586, महेंद्र सिंह धोनी ने 455, शेन वॉटसन ने 438 और सुरेश रैना ने 413 रन बनाए हैं।
हैदराबाद के खिलाफ क्वॉलिफायर-1 मैच में रायुडू और वॉटसन खाता भी नहीं खोल सके थे जबकि धोनी ने 9 तो रैना ने 22 रन बनाए थे। मुश्किल स्थिति में फंसी चेन्नै टीम को जीत दिलाई थी ओपनर फाफ डु प्लेसिस ने जिन्होंने 42 बॉल में नॉटआउट 67 रन बना डाले थे। येलो ब्रिगेड की ताकत उसका अनुभव भी है। चाहे धोनी की कप्तानी हो या फिर रायुडू का फार्म या फिर ड्वेन ब्रावो की ऑलराउंड क्षमता, उसको किसी भी मुश्किल से निकालने में सक्षम है।
बदलेगा इतिहास ?
आईपीएल-2017 के फाइनल से पहले मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट की टक्कर कुल तीन बार हुई थी। दो बार ग्रुप स्टेज में और एक बार प्लेऑफ में। तीनों दफा मुंबई पर जीत दर्ज की थी पुणे ने, लेकिन जब खिताबी मुकाबले में इनका आमना-सामना हुआ तो पुणे की टीम उन्नीस साबित हुई और मुंबई की टीम तीसरी बार आईपीएल चैंपियन बन गई।
सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नै सुपर किंग्स के बीच खिताबी भिड़ंत से पहले इन दोनों टीमों की भिड़ंत तीन दफा हो चुकी है और तीनों ही बार ऑरेंज आर्मी को येलो ब्रिगेड से शिकस्त मिली है। हैदराबाद के फैंस उम्मीद कर रहे होंगे जिस तरह 2017 में मुंबई ने पुणे के खिलाफ लगातार हार के सिलसिले को फाइनल में तोड़ा था। उसी तरह उनकी टीम भी चेन्नै के दबदबे को ध्वस्त कर अपना दूसरा आईपीएल खिताब जीतेगी।

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